Use of iron and Contraindication of iron : आयरन के फायदे और आयरन कब नहीं देना चाहिए ,Top 5 Precaution and Safety

a child taking iron, Use of iron and Contraindication

Introduction : सामान्य जानकारी

हमारे शरीर में आक्सीजन हर अंग में ले जाने के लिए खून में हीमोग्लोबिन नाम का पदार्थ पाया जाता है जिसको बनाने के लिए आयरन नामक तत्व की जरूरत होती है । लेकिन जब हमारे खाने में आयरन की कमी होती है तो हीमोग्लोबिन की कमी आ जाती है( यह कमी  सामान्यतया बच्चों और महिलाओं में देखी जाती है) और सामान्य भाषा में हम इसे खून की कमी या लोह तत्व की कमी बोलते हैं तब हमें iron therapy दिया जाना चाहिए तो जानिए Use of iron and Contraindication के बारे में –

Why is iron therapy important ? : आयरन के फायदे

आयरन हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने के काम आता है ।

मांसपेशियों के कार्य करने में जरूरी होता है

दिमाग के विकास के लिए तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी होता है ।

आयरन की या खून कमी से थकान कमजोरी, गर्भवती महिलाओं में कमजोर बच्चा और समय से पहले बच्चा होने की संभावना रहती है ।

Type of iron therapy : आयरन देने के तरीके

सामान्यतया आयरन की पूर्ति balance diet  से होती रहती है लेकिन बच्चों और महिलाओं में ज्यादा जरूरत के कारण supplement के रूप में भी दिया जाता है जैसे –

  1. Oral Iron (मुंह के द्वारा आयरन supplement ) – यह तरीका खून की कमी को पूरा करने सबसे सामान्य , आसान होता है । इसमें पीने की बूंद ,दवा , टेबलेट और कैप्सुल के रूप में आयरन दिया जाता है । इस तरीके से  दिए जाने वाले साल्ट ferrous sulfate , ferrous fumarate ,ferrous gluconate होते हैं ।  यह तरीका आसान , सस्ता , अच्छा असर दायक होता है ।  आयरन को पानी के साथ खाली पेट , या खट्टे फलों जैसे संतरा के साथ लेना चाहिए जिससे इसका आंत में अवशोषण अच्छा हो सके , आयरन को दूध, चाय ,कॉपी और antacid  के साथ नहीं लेना चाहिए ये आयरन का अवशोषण कम कर देते हैं ।
  2. Parenteral iron therapy ( इन्जेक्शन के द्वारा )- जब मुंह के द्वारा आयरन दिया जाना संभव नहीं हो या ज्यादा उल्टी  और जी घबराना जैसी स्थिति में आयरन इन्जेक्शन के द्वारा दिया जाता है , इन्जेक्शन के द्वारा दौ तरीके से आयरन दिया जा सकता है जैसे डायरेक्ट नस में (Intravenous ) और माँस पेशी में (intramuscular )। इस तरीके से  दिए जाने वाले साल्ट iron sucrose ,iron dextran ,ferric carboxymaltose आदि  होते हैं । लेकिन इसको medical suprvision  में दिया जाना चाहिए क्यूंकि कभी कभी इसमें रिएक्शन का खतरा रहता है ।

Indication of iron therapy : आयरन कब देना चाहिए

आयरन खून की कमी में दिया जाता है जैसे

  • 1. iron deficiency anemia में – खाने में आयरन की कमी हो तो , रक्तस्राव के कारण खून की कमी ,पेट में कीड़े होने के कारण खून की कमी
  • 2. iron deficiency without anemia , जैसे ferritin लेवल कम होना , थकान
  • 3. Increase Requirment  , जरूरत ज्यादा होने पर जैसे गर्भवती महिलाओं में , बच्चों में विकास के लिए

Contraindication of iron therapy : आयरन कब नहीं देना चाहिए

कुछ परिस्थितिओं में आयरन बिल्कुल नहीं (Absolute Contraindication )देना चाहिए जैसे

  • Hemochromatosis -एक आनुवंशिक बीमारी जिसमें आयरन पहले से शरीर में बहुत होता है
  • Hemosiderosis -लगातार खून चढाने  की वजह अत्यधिक आयरन होना
  • खून की कमी लेकिन आयरन की कमी नहीं हो जैसे thalassemia Major, megaloblastic anemia, aplastic anemia
  • आयरन की ऐलर्जी

कुछ परिस्थितिओं में आयरन सामान्यतया (Relative Contraindication) नहीं देना चाहिए जैसे

  • Active infection (इन्फेक्शन और बुखार में) – आयरन जीवाणु संक्रमण में नहीं देना चाहिए क्यूंकी आयरन जीवाणु की growth बढ़ाता है ।
  • लीवर की बीमारियों में जैसे chronic liver  disease , cirrhosis , hepatitis
  • ऐलर्जी और अस्थमा वाले मरीजों में – क्योंकि उनका शरीर reaction ,allergy  के लिए sensitive होता है ।
  • Severe Kidney disease में भी
  • गर्भवती महिलाओं के शुरुआती महीनों में
  • कुपोषण बच्चों के इलाज के शुरुआती दिनों में, Severe Acute Malnutrition के stabilisation phase में – क्योंकि आयरन free radical जेनरैट करता है और iron metabolisn  enegy consuming process  होता है जबकि SAM के बच्चों में पहले से एनर्जी की कमी होती है ।

तो Use of iron and Contraindication जानने के बाद जानते है iron थेरपी के कुछ अन्य पहलू जैसे

Side Effect of iron : आयरन के साइड असर

हालांकि आयरन की जरूरत होने पर आयरन दिया जाता है लेकिन इसके कुछ प्रभाव खून बढ़ाने के अलावा भी दिखते है जैसे

  • मल का कलर काला होना (Dark stool )-हालांकि इसका कोई नुकसान नहीं है
  • कभी कभी आयरन सप्लीमेंट से जी मचलना (nausea ),
  • मुंह में लोह तत्व का स्वाद (metallic taste )
  • दांतों और जीभ का कलर बदलना (teeth & tongue staining)  – हालांकि यह पर्मानेन्ट नहीं होता है
  • इन्जेक्शन से दर्द , रिएक्शन होने का खतरा (pain and anaphylaxis )

Precaution and safety : आयरन लेते समय सावधानियाँ

  1. आयरन शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और खून की कमी लगे या उपरोक्त बताई गई स्थितियों में ही आयरन शुरू करना चाहिए ।
  2. ऊपर बताई गई कुछ स्थितियों में आयरन नहीं देना चाहिए जैसे infectin , severe  malnutrion के इलाज के शुरुआती दिनों में
  3. बच्चों में वजन के अनुसार आयरन की डोज देनी चाहिए कम देने से आराम नहीं मिलेगा और ज्यादा देने से iron toxicity  होने के चांस होते हैं ।
  4. आयरन की गोलियां और सिरप बच्चों की पहुँच से दूर रखनी चाहिए
  5. सभी प्रकार के एनीमिया में आयरन नहीं देना चाहिए जैसे आनुवंशिक बीमारी thalassemia major  में

 

Duration of Iron Therapy : आयरन कितने समय के लिए लेना चाहिए ?

सामान्यता आयरन थेरेपी का समय खून की कमी के स्तर (hemoglobin level and severity of anemia ) के आधार पर निर्धारित की जाती है लेकिन फिर भी इसकी अवधि 3 से 6 महीने होती है ।

Conclusion : निष्कर्ष

आयरन थेरेपी आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया (iron deficiency anemia ) का मुख्य इलाज है। ज़्यादातर मामलों में मुहँ से दिया जाने वाला आयरन सबसे अच्छा और सुरक्षित है। इंजेक्शन आयरन केवल उन्हीं मरीज़ों को दिया जाता है जिन्हें टैबलेट/सिरप ले नहीं पाए और  इससे फायदा न हो। बिना जाँच और डॉक्टर की सलाह के आयरन देना गलत है, क्योंकि कुछ बीमारियों में यह नुकसान कर सकता है। सही तरीके से दी गई आयरन थेरेपी थकान दूर करती है, बच्चों की पढ़ाई और विकास बेहतर करती है और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाती है । Use of iron and Contraindication हमारा लेख कैसा लगा आशा करते है आप और आपके परिवार के लिए यह जानकारी उपयोगी साबित होगी ।

Disclaimer

this information is only for education purpose , not a substitute for professional medical advice or treatment. Always seek the advice of your Physician and Pediatrician .यह जानकारी एक शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है यह कोई चिकित्सा राय नहीं है, इलाज अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें ।

 

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