बच्चों में खसरा :कारण, लक्षण और इलाज । 5 Effective ways to prevent Measles in Children

Introduction : परिचय

बच्चों में खसरा (Measles in children) एक अत्यधिक संक्रामक वायरस से होने वाला इन्फेक्शन है जिसको Rubeola नाम से भी जाना जाता है । हालांकि बच्चों में टीकाकरण करवाने से इसका बचाव किया जा सकता है फिर भी टीकाकरण से वंचित बच्चों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है और उन बच्चों में यह बीमारी गंभीर हो सकती है –

Cause of Measles in Children : बच्चों में खसरा के क्या कारण होते है ?

बच्चों में खसरा एक वाइरल संक्रमण है जो Paramyxo virus से होता है । बच्चों में यह virus श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है । यह वायरस एक बच्चे से दूसरे बच्चे में खांसी और छींक की droplet से तेजी से फैलता है और हवा में, किसी सतह पर 2 घंटे तक सक्रिय रहता है । इस वायरस के संक्रमण से 7 से 14 दिन बाद लक्षण आते है (Incubation Period =7-10 days )

Symptoms of Measles in children : बच्चों में खसरा के लक्षण

6-9 महीने तक के उम्र के बच्चों में माँ के द्वारा placenta से प्राप्त antibody के कारण साधारणतया खसरा नहीं होता है इसके बाद ये ऐन्टीबाडी कम हो जाती है और 9 महीने की उम्र मे इसके लिए टीकाकरण किया जाता है।

बच्चों में खसरा के 3 stage होते हैं –

  1. Prodromal Stage – यह अवस्था 2-4 दिन तक रहती है इस दौरान बच्चे में तेज बुखार (High Fever), खांसी (Cough), नाक में पानी (Coryza), आँखों का लाल होना और पानी आना (Conjunctivitis) जैसे लक्षण आते है ।Kolpiks spot एक प्रकार के मुंह में छोटे सफेद धब्बे होते हैं जो खसरा की विशेष पहचान होती है ।
  2. Eruptive /Rash stage – यह अवस्था बुखार आने के 3-5 दिन बाद शुरू होती है इसमें बच्चे के चेहरे और कान के पीछे और फिर पूरे शरीर पर दाने(Maculopapular Rash) हो जाते है
  3. Recovery stage –इस अवस्था में बुखार और दाने धीरे धीरे कम हो जाते है

Complication of Measles in Children : बच्चों में खसरा की वजह से क्या क्या नुकसान हो सकते है ?

खसरा पूरी दुनिया में पाया जाने वाला रोग है और 5 साल से छोटे बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है ।

टीकाकरण से वंचित और कुपोषित बच्चों में खसरा की वजह से कुछ जटिलताएं /Complication हो सकते है जैसे –

कान में संक्रमण (Otitis Media) , बच्चों में निमोनिया (Pneumonia ) ,बच्चों में दस्त और निर्जलीकरण (Diarrhea & Dehydration) , दिमाग में सौजन (Encephalitis) ,Keratitis , हृदय से संबंधित तकलीफ (Myocarditis) और मिर्गी जैसे दौरे seizure in Subacute Sclerosing Pan Encephalitis (SSPE) & Acute Disseminated Encephalomyelitis (दुर्लभ लेकिन गंभीर रोग )

Diagnosis of Measles in Children : बच्चों में खसरा का पता कैसे चलता है ?

बच्चे में खसरा लक्षण और Koplik’s spot , घर और पड़ोस में खसरे के बच्चे का होना जैसे स्थिति का पता लगा कर (medical history) और बच्चे को देखकर clinical basis पर ही खसरे का पता चल जाता है

complete blood count (CBC) – thrombocytopenia, leukopenia जैसे finding मिल सकती है ।

Laboratory Conformation के लिए viral RNA RT-PCR और IgM antibody के लिए गले और नाक मे से swab लिया जा सकता है ।

Treatment of Measles in Children : बच्चों में खसरा का इलाज

Measles के उपचार के लिए बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें ( Hydration )और बुखार के लिए वजन के अनुसार पैरासेटामॉल देनी चाहिए ।

खसरे में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से दो दिन के लिए दिन में एक बार Vitamin A supplement देनी चाहिए

  • 6 महीने से छोटे बच्चे के लिए 0.5 Lac unit / 0.5 ml
  • 12 महीने से छोटे बच्चे के लिए 1 Lac unit / 1 ml
  • 12 महीने से बड़े बच्चे के लिए 2 Lac unit /2 ml

अन्य संक्रमण साथ में लगे तो उसका उपचार करें ।

virus के लिए कोई specific antiviral देने की जरूरत नहीं होती है । हालांकि Ribavirin जैसी दवा का भी trial किया जा चुका है ।

इसके अलावा antihistaminic ,analgesic दवा भी दी जाती है ,

यदि मिर्गी जैसे दौरे (SSPE,ADEM) हों तो anticonvulsant medicine भी देने की जरूरत पड़ती है हालांकि ये late complication होते हैं ।

Prevention of Measles : बच्चों में खसरा का बचाव

  1. टीकाकरण (Vaccination )- बच्चों में खसरे के बचाव के लिए MMR / MR वैक्सीन दी जाती है जो एक प्रभावी सुरक्षा प्रदान करती है जिसकी पहली खुराक 9-12 महीने की उम्र पर और दूसरी खुराक 15-18 महीने की उम्र पर दी जाती है ।
  2. Measles के फैलने से बचाव के लिए रोगी बच्चे को दाने(Rash) होने के 4 दिन बाद तक घर पर बाकी बच्चों से अलग रखा जाता है (Home Isolation/Quarantine)
  3. इसके अलावा बच्चे को अच्छा पौषण (विटामिन A सहित ) देना चाहिए क्योंकि कुपोषित बच्चों में immunity कम होने की वजह से खसरा ज्यादा होने की संभावना होती है ।
  4. साफ सफाई (Good Hygiene )का ध्यान रखें ।
  5. घर और कमरों में ताजी हवा का आवागमन(Proper Ventilation ) बनाए रखें ।

Conclusion : निष्कर्ष

खसरा रोका जा सकता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
हर साल हजारों बच्चे ऐसी जटिलताओं से पीड़ित होते हैं जिन्हें एक साधारण टीके से रोका जा सकता है।अपने बच्चे को समय पर MMR वैक्सीन दिलवाएँ, उसके पोषण पर ध्यान दें और किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें। इससे न केवल आपका बच्चा बल्कि पूरा समाज खसरा-मुक्त रह सकता है। आशा है हमारा द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी और अपने बच्चे का ख्याल रखें ।

Disclaimer

this information is only for education purpose , not a substitute for professional medical advice or treatment. Always seek the advice of your Physician and Pediatrician .यह जानकारी एक शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है यह कोई चिकित्सा राय नहीं है, बीमारी का इलाज अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।

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