Introduction : परिचय
घरों में होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं में से बच्चों में Poisoning एक आम समस्या है । इनमें से एक है Turpentine / Kerosene Poisoning in Children (बच्चों में कैरोसीन / तारपीन तेल विषाक्तता ) , गांवों और शहरों में आज भी रसोई / स्टोव में मिट्टी का तेल काम में लिया जाता है । तारपीन का तेल (Turpentine oil ) भी ऐसा ही तरल पदार्थ है जो अक्सर पैंट/ फर्नीचर में इस्तेमाल किया जाता है । ये तेल वाष्पशील (volatile ) होते है । दुर्भाग्य वश इन्हें पेय पदार्थ की बोतल या खुले बर्तन में रखा जाता है जिससे छोटे बच्चे भूल वश पानी समझ कर पी जाते हैं , तो आइए जानते है इनके बारे में –
What is Kerosene Poisoning in Children : बच्चों में कैरोसीन तेल विषाक्तता क्या है ?
कैरोसीन (मिट्टी का तेल) एक पेट्रोलियम से बना हाइड्रोकार्बन यौगिक है । यह पीने , सूंघने और फेफड़ों में जाने पर विषैला (toxic) होता है । कम Surface tension, कम Viscosity के कारण केवल 1-2 ml प्रति किलोग्राम मात्रा में भी यह बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है क्योंकि यह बच्चे के फेफड़े में निमोनिया कर देती हैं जिसे Chemical Pneumonitis कहा जाता है ।
Why Children are at Risk : बच्चे अधिक जोखिम में क्यों रहते है ?
बच्चे चंचल और जिज्ञासु होते है जो चीजें देखते है ,उन्हें छूने या चखने की कोशिश करते हैं । कभी कभी प्यास लगने पर पानी समझ कर भी बच्चे तारपीन या कैरोसीन के तेल को पीने की भूल कर जाते हैं क्योंकि अक्सर इनका कलर आकर्षक होता है और बोतल ,कटोरी या गिलास में रखा हो तो आसानी से पहुँच में मिल जाता है । इसलिए बच्चों में कैरोसीन तेल विषाक्तता बहुत आम है ।
कम वजन और कम विकसित शरीर बच्चों को इन तेल के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है ।
How kerosine/Turpentine affect the Body : केरोसीन / तारपीन शरीर पर कैसे असर करता है ?
कैरोसीन और तारपीन का तेल शरीर में जाने पर –
- फेफड़ों को नुकसान पहुंचते है , ये oil फेफड़े में पाई जाने वाली Pneumocytes type -2 को निष्क्रिय कर देते हैं जिससे फेफड़े में Surfactant की कमी आ जाती है ।जिससे आक्सीजन की कमी आती है और सांस में तकलीफ आती है ।
- मस्तिष्क पर असर डालते हैं जिससे सुस्ती या बेहोशी आती है।
- पेट और आंतों में जलन पैदा करते हैं ।
Lethal Dose = 30 ml
Lethal Time = शुरुआती 24 घंटे
Symptoms of Turpentine / Kerosine Poisoning in Children : बच्चों में तारपीन / कैरोसीन विषाक्तता के लक्षण
कैरोसीन या तारपीन पीने के कुछ ही मिनटों और या घंटों में लक्षण दिखने लगते है ।
- सांस से संबंधित लक्षण (Respiratory Symptoms)-
- खांसी(cough), घुटन ,
- तेज या कठिन सांस लेना ( difficulty in breathing) ,
- सांस लेते समय छाती अंदर धंसना (Retraction and respiratory distress)
- छाती में आवाज (Wheezing),
- होंठ या चेहरा नीला पड़ना (Cyanosis)
- ARDS और Respiratory Failure
- पेट से संबंधित लक्षण (Gastrointestinal symptoms)–
- उल्टी (vomiting)
- पेट दर्द (pain abdomen)
- तंत्रिका तंत्र के लक्षण (CNS symptoms)
- नींद या सुस्ती (drowsiness)
- सिरदर्द (Headache )
- चक्कर आना (dizziness )
- दौरे (seizure )
- बेहोशी (unconscious and coma due to Acidosis )
- अन्य लक्षण
- बुखार (fever)
- धड़कन का अनियमित होना (Dysrhythmias)
- कमजोरी (weakness, lethargy )
- लिवर और किड्नी फैल्यर (Renal tubular acidosis के कारण )
Kerosene Poisoning in Children – First Aid : प्राथमिक उपचार
अगर बच्चे ने गलती से तारपीन या केरोसिन पी लिया हो तो ये कदम तुरंत उठायें –
- उल्टी ना करवाएं ।
- उल्टी करवाने से तेल फेफडों में जा सकता है और ज्यादा तकलीफ हो सकती है ।
- बच्चे को सीधा और शांत रखें ।
- बच्चे को लेटायें नहीं ताकि तेल फेफड़ों में ना जाए ।
- Activated Charcol ना दें ।
- इस प्रकार की poisoning में चारकोल कोई फायदा नहीं करता है ।
- Skin Care –
- अगर तेल त्वचा पर लगा हो तो साबुन और पानी से अच्छी तरीके से साफ करना चाहिए ।
- Change Clothes –
- कपड़े बदल देने चाहिए ।
- बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं ।
- बोतल या कन्टैनर को अस्पताल साथ ले जाए ताकि डॉक्टर को विषाक्तता पहचानने मे आसानी हो ।
Kerosene Poisoning – Hospital Management : अस्पताल में उपचार
- Observation and Supportive care – अस्पताल में डॉक्टर द्वारा देखा जाता है की बच्चे को कोई लक्षण है या नहीं ,इसके आधार पर बच्चे को निगरानी में रखा जाता है और supportive treatment दिया जाता है ।
- Gastric Lavage -अन्य जहर की तरह इसमें बच्चे का पेट नली डालकर साफ (stomach wash) नहीं किया जाता है क्योंकि इससे aspiration का खतरा बना रहता है ।
- Decontamination – बच्चे के सारे कपड़े बदलने चाहिए और skin wash करनी चाहिए
- बच्चे का छाती का एक्सरे करवाकर भी देखा जाता है कि chemical pneumonitis के साइन है या नहीं ,
- यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो आक्सीजन की जरूरत पड़ती है ।
- जरूरत पड़ने पर iv fluid, bronchodilator(beta agonist inhalation) भी दिया जाता है ।
- पेट से संबंधित लक्षण के लिए Antacid / H2 blocker / PPI दिया जा सकता है ।
- सामान्यतः antibiotic और steroid की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन तकलीफ ज्यादा हो तो इनकी भी जरूरत पड़ती है ।
- Respiratory और Neurological status को देखते रहना चाहिए , Severe hypoxia और respiratory failure की स्थिति में Early Intubate , PPV, Mechanical Ventilator , Surfactant therapy की भी (ICU में ) जरूरत पड़ती है । अगर गुर्दे प्रभावित हो तो Dialysis की जरूरत पड़ती है ।
Complication : संभावित जटिलताएं
- Chemical Pneumonitis (फेफड़े में सौजन )
- Respiratory Failure (सांस रुकना )
- Acute Renal Failure (गुर्दे खराब होना )
- Severe CNS Depression (दौरे और कॉमा )
- Coma and Death (कॉमा और मृत्यु )
Prevention Tips for Parents : माता पिता के लिए बचाव के तरीके
- तारपीन / कैरोसीन हमेशा मूल कंटेनर में ही रखें ।
- कभी भी इन्हें पानी या कोल्ड ड्रिंक की बोतल में ना रखें ।
- बच्चों की पहुँच से दूर रखें यथा संभव बंद अलमारी में रखें ।
- गिरा हुआ तेल तुरंत साफ करें ।
- बड़े बच्चों को समझाएं कि अज्ञात तरल पदार्थ न पियें ।
- कंटेनर पर लेबल करें ।
Conclusion : निष्कर्ष
केरोसिन विषाक्तता एक रोकथामी दुर्घटना है। थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता से इसे पूरी तरह टाला जा सकता है।अगर आपका बच्चा गलती से मिट्टी का तेल पी ले तो घबराएँ नहीं, उल्टी न करवाएँ और तुरंत अस्पताल जाएँ। याद रखें – बचाव ही सबसे बेहतर इलाज है।
बच्चों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है।
उम्मीद करते है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी , अपने परिवार के लोगों को share करें और अपने बच्चों का ख्याल रखें । धन्यवाद
Disclaimer :
this information is only for education purpose , not a substitute for professional medical advice or treatment. Always seek the advice of your Physician and Pediatrician .यह जानकारी एक शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है यह कोई चिकित्सा राय नहीं है, बीमारी का इलाज अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।