Diarrhea in Children बच्चों में दस्त: कारण, लक्षण, बचाव और इलाज [A significant cause of under5 mortality rate in child]

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Diarrhea in Children (बच्चों में दस्त):

डायरिया या दस्त बच्चों में बहुत आम समस्या है। सामान्यत: यह कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार यह डिहाइड्रेशन (पानी और नमक की कमी) की वजह से गंभीर भी हो सकता है।भारत जैसे विकासशील देशों में यह एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से डायरिया भी शामिल है।अक्सर माता-पिता यह चिंता लेकर आते हैं कि उनका बच्चा अचानक से पतले दस्त करने लगा है। आइए हम डायरिया के कारण, लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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What Is Diarrhea : डायरिया क्या है?

जब कोई बच्चा दिन में तीन या उससे अधिक बार पतले या पानी जैसे दस्त करता है तो उसे डायरिया कहते हैं मतलब change in consistency and frequency , यह कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक चल सकता है। अगर दस्त 14 दिन से ज्यादा चले तो उसे क्रॉनिक डायरिया (Chronic diarrhea) कहा जाता हैऔर अगर दस्त 14 दिन से कम हो तो उसे एक्यूट डायरिया (Acute diarrhea )कहा जाता है ।

Cause of Diarrhea : बच्चों में डायरिया के कारण

  1. संक्रमण (Infections)-वायरल संक्रमण – रोटावायरस सबसे आम कारण है।बैक्टीरियल संक्रमण – ई. कोलाई, साल्मोनेला, शिगेला । पैरासाइट (कीड़े) – जियार्डिया, एंटअमीबा।
  2. खाने से जुड़े कारण-दूषित खाना या पानी,ज्यादा जूस, जंक फूड
  1. अन्य कारण-लैक्टोज इन्टॉलरेंस (दूध पचाने में समस्या),कुछ दवाइयाँ (जैसे एंटीबायोटिक) ,आंत की बीमारियाँ जैसे celiac disease

Symptom of Diarrhea : डायरिया के लक्षण

बार-बार (सामान्यतः तीन बार से ज्यादा )पतले या पानी जैसे दस्त loose stoole,पेट में दर्द या ऐंठन,बुखार,उल्टी,भूख न लगना ,Sign of Dehydration (निर्जलीकरण के लक्षण) – मुँह सूखना, चिड़चिड़ापन, बच्चों का सुस्त हो जाना , बच्चों की चमड़ी में झुरिया आना ,आँखें धँसना, पेशाब कम आना, कमजोरी,बच्चों की धड़कन बढ़ जाना ,बच्चों का बीपी कम होना, severe dehydration में बेहोश होना ,shock और मौत भी हो सकती है ।

Treatment of Diarrhea : बच्चों में डायरिया का इलाज

  1. ओआरएस (ORS) का इस्तेमाल:
    डायरिया के दौरान बच्चे को बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ओआरएस पिलाना सबसे ज़रूरी है। यह शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करता है।ओआरएस का पैकेट 1 लीटर पानी में मिलाया जाताहै ।
  2. जिंक (Zinc) की दवा:
    डायरिया के साथ 14 दिन तक जिंक की दवा देने की सलाह दी जाती है। इससे बच्चा जल्दी ठीक होता है और दोबारा डायरिया होने की संभावना कम हो जाती है।
  3. खाना बंद न करें:छोटे बच्चों को माँ का दूध जारी रखें।बड़े बच्चों को खिचड़ी, दाल, दही, केला, सूप जैसी हल्की चीज़ें दें।फलों और तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएँ।
  4. अनावश्यक दवाओं से बचें: ज़्यादातर डायरिया वायरल होता है और अपने आप ठीक हो जाता है। एंटीबायोटिक दवाइयाँ केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दें।
  5. बच्चों में दस्त का इलाज तीन प्लान के तहत किया जाता है Plan-A में बच्चों को घर पर इलाज किया जाता है तथा तरल पदार्थ एवं ओ आर एस पिलाया जाता है तथा Plan-B में बच्चों को अस्पताल में भर्ती करके ओआरएस की मात्रा पिलाई जाती है जो थोड़ा निर्जलीकरण के कारण वजन के अनुसार निर्धारित मात्रा में डॉक्टर के द्वारा डिसाइड किया जाता है Plan-C में बच्चों को इंजेक्शन के द्वारा fluid दिया जाता है क्योंकि बच्चा अत्यधिक निर्जलीकृत होता है यहां तक की बेहोशी की हालत भी हो सकती है बच्चों को आईसीयू में मॉनिटर करने की भी जरूरत पड़ती है
  6. Severe Acute Malnutrition कुपोषित बच्चों को ReSoMal नाम का ओआरएस दिया जाता है ।

Prevention of Diarrhea : बच्चों में डायरिया से बचाव

  1. स्तनपान (Breastfeeding):
    जीवन के पहले 6 महीने तक केवल माँ का दूध पिलाना चाहिए। यह बच्चे को संक्रमण से बचाता है।
  2. साफ पानी का उपयोग:
    पीने का पानी हमेशा उबला या फिल्टर किया हुआ होना चाहिए।
  3. हाथों की स्वच्छता:
    बच्चों को खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद हाथ धोने की आदत डालें।
  4. खाने की सुरक्षा:खाना ढककर रखें .सड़क किनारे का असुरक्षित खाना न खिलाएँ दूध और दूध से बने पदार्थ हमेशा ताज़ा दें
  5. टीकाकरण:
    रोटावायरस का टीका बच्चों में गंभीर डायरिया से बचाव करता है।

Conclusion : निष्कर्ष

डायरिया बच्चों में आम समस्या है, लेकिन अगर सही समय पर ओआरएस और जिंक दिया जाए तो गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। स्वच्छता, साफ पानी और टीकाकरण के ज़रिए डायरिया के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है।माता-पिता को हमेशा डिहाइड्रेशन के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी गंभीर संकेत पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

Disclaimer:- this information is only for education purpose , not a substitute for professional medical advice or treatment. Always seek the advice of your Physician and Pediatrician .यह जानकारी एक शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है यह कोई चिकित्सा राय नहीं है, लूज मोशन तथा निर्जलीकरण आदि का इलाज अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें

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