
बच्चों में डेंगू (Dengue in Children )एक वायरस के द्वारा होने वाला इन्फेक्शन है जो हर साल मानसून और मानसून के बाद वाले मोसम मे ज्यादा होता है। ज्यादातर बच्चे समय के सतह ठीक हो जाते है लेकिन कुछ में यह गंभीर और प्राणघातक होता है । माता पिता को गंभीर लक्षण का पता होना जरूरी है तो आओ जानते है Dengue in Children –
What is Dengue : डेंगू क्या होता है ?
डेंगू एक वायरस (DENV) से होने वाली बीमारी है जो संक्रमित मच्छर (Aedes aegypti ) के काटने से होता है, यह मच्छर दिन के समय ही काटता है । डेंगू वायरस (flavivirus family )के 4 प्रकार /strain (DENV1, DENV2, DENV3, DENV4 ) होते हैं ।
Why are Children at High Risk : बच्चों में डेंगू क्यूँ ज्यादा होता है ?
- Weaker Immunity -बच्चों मे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है ।
- Outdoor Play -मच्छर के संपर्क मे ज्यादा आते हैं ।
- Delay Recognisation of Symptom -बच्चे अपने लक्षण देर से बता पाते हैं ।
Symptom of Dengue in Children : बच्चों में डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण (Probable dengue fever ) मच्छर काटने के 4-10 दिन बाद आते हैं –
- अचानक तेज बुखार (Sudden high Fever/)
- तेज सिरदर्द (Severe headache )
- आँखों के पीछे तेज दर्द (Retro orbital Pain)
- माँस पेशियों और जोड़ों में दर्द (Myalgia and arthralgia)
- भूख कम लगना और थकान (loss of appetite, weakness)
- त्वचा पर दाने (Rash)
Warning Sign and Severe Dengue : डेंगू में खतरे के संकेत और गंभीर डेंगू क्या होता है ?
डेंगू के 7 लक्षणों को warning sign बताया गया है –
- लगातार उल्टी (Persistent vomiting )
- तेज पेट दर्द (Severe pain abdomen and Tenderness )
- नाक, मसोड़े ,उल्टी या मल से खून आना (Bleeding Gum, nose ,hematemesis ,Malena mucosal bleed)
- पेट और फेफड़े में पानी भरने के लक्षण (Clinical Fluid Accumulation )
- आलस और सुस्त होना ( Lethargy and drowsiness )
- लिवर में सोजन (Liver Enlargement more than 2 cm )
- खून की रिपोर्ट में प्लेटलेट का तेजी से गिरना (Increase in hematocrit (HCT) concurrent with rapid decrease in platelet count)
गंभीर डेंगू (Severe Dengue) – यदि bleeding बहुत ज्यादा हो ,प्लेटलेट बहुत कम हो जाए , severe plasma leakage ,severe organ involvment हो तो Shock जैसे बीपी कम होना और हाथ पाँव ठंडे होना (DSS) में जाकर मोत भी हो सकती है ।
Diagnosis of Dengue in Children :डेंगू की जांच
डॉक्टर लक्षणों और मोसम के आधार पर डेंगू का संदेह करते हैं , पुष्टि के लिए जाँचे की जाती है –
- NS1 Antigen टेस्ट – शुरुआती दिनों में पोजिटिव आता है , यह डेंगू वायरस का Glycoprotein होता है ।
- IgM Antibody टेस्ट – यह 5 से 10 दिन बाद पाज़िटिव आता है । यह टेस्ट low specific and high specific होता है जो वायरस के खिलाफ antibody को दर्शाता है ।
- IgG Antibody टेस्ट – यह 1-2 सप्ताह से लेकर उम्र भर तक भी पाज़िटिव आ सकता है यह भी वायरस के खिलाफ antibody को दर्शाता है ।
- Molecular PCR टेस्ट -इसकी ज्यादातर जरूरत नहीं पड़ती है इसकी sensitivity बहुत ज्यादा होती है ।
- CBC टेस्ट – इस टेस्ट मे प्लेटलेट कम होना ,WBC कम होना,hematocrit बढ़ना डेंगू वायरस /डेंगू बुखार की तरफ इशारा करते है ।
- Liver Function Test (LFT) और Kidney Function Test (RFT)– लीवर और किडनी की स्तिथि जानने के लिए
- Ultrasound – fluid accumulationऔर लिवर की स्तिथि देखने के लिए
Treatment of Dengue in Children :बच्चों में डेंगू का इलाज
डेंगू वायरस के लिए कोई specific antiviral medicine नहीं है लेकिन इस वायरस की वजह से होने वाले नुकसान के लिए निम्न इलाज होता है –
घर पर इलाज –
- ज्यादा से ज्यादा तरल पेय पदार्थ पिलाया जाना चाहिए जैसे ORS का घोल , नारियल का पानी ,सूप ,फलों का जूस ( जानिए ORS क्या होता है ?)
- बुखार और दर्द के लिए वजन के अनुसार paracetamol देना चाहिए , अन्य कोई दर्द की दवा जैसे ऐस्प्रिन ,nimusalide , diclofinac जैसी NSAID नहीं देनी चाहिए क्यूंकि इनसे ब्लीडिंग होने के चांस बढ़ जाते है ।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए ।
- खतरे के लक्षणों को देखते रहना चाहिए monitor warning sign
अस्पताल में इलाज –
- Infant बच्चों, पहले से बीमार बच्चों और Severe Dengue के लिए अस्पताल में भर्ती करके इलाज करना चाहिए – जैसे
- Intravenous fluid NS/RL वजन के अनुसार , जरूरत हो तो bolus fluid भी दें यदि बच्चा shock में हो ,
- oxygen यदि जरूरत हो तो ,
- Blood tranfusion , यदि iv fluid से improve नहीं हो तो ,
- Pletlet transfusuin ,
- Vital sign की लगातार monitoring ,urine output monitor , ECG monitor
- अस्पताल से छुट्टी – यदि 24 घंटे से बुखार नहीं हो , reports नॉर्मल हो या platelets 50,000/mm cube से ऊपर हो
Complication of Dengue in Children : डेंगू से क्या क्या नुकसान हो सकते है ?
यदि समय पर उपचार ना किया जाए तो डेंगू बुखार से निम्न नुकसान हो सकते है-
- अत्यधिक खून बहना ( severe bleeding),
- लिवर और अन्य अंग फैल (liver & multiorgan failure ),
- shock और death
Prevention of Dengue in Childern : बच्चों में डेंगू से बचाव
डेंगू से बचाव के लिए निम्न तरीके अपनाने चाहिए –
- मच्छरों की पैदाइश रोकें ( Mosquito control )- घर में और आसपास पानी इकट्टा ना होने दें , गमले,कूलर का पानी बदलते रहें । तालाब और कुंड में Gambusia नामक मछली छोड़े जो लार्वा को खा जाती है । जमीन पर इकठे पानी पर केरोसिन तेल (oil drip)डालने से ऊपर एक पतली परत बनने से मच्छर नहीं पनप पाते हैं ।
- बच्चों को पूरी बाजू वाले कपड़े पहनाएं ताकि मच्छरों का काटना कम हो ।
- पानी की टंकी , बर्तन हमेशा ढककर रखें ताकि मच्छर अंडे ना दें सके ।
- बच्चों को मच्छरों से बचायें -बच्चों को मच्छरदानी में सुलाएं ।
- बच्चों के हाथों पर mosquito repellant वाली क्रीम, पैच का इस्तेमाल करें।
- खिड़कियों और दरवाजे पर जाली लगवाएं ताकि मच्छर घर में ना आ सके ।
- कचरा और गंदगी ना फैलाएं और साफ सफाई रखें ताकि मच्छर से बचा जा सके ।
- संतुलित आहार ,पर्याप्त नींद और हेल्दी लाइफस्टाइल से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं ।
- मोहल्ले में fogging और सफाई अभियान चलाएं ।
- बरसात के मौसम में ज्यादा ध्यान रखे और बुखार हो तो बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं ।
Conclusion : निष्कर्ष – माता पिता महत्वपूर्ण बातें
बच्चों में डेंगू बरसात के मौसम में आम है।जल्दी पहचान और सही समय पर तरल पदार्थ देना सबसे बड़ा बचाव है।बच्चों को एस्पिरिन या आइबुप्रोफेन कभी नहीं देना चाहिए।खतरे के संकेत दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मच्छर न पनपने दें और काटने से बचाव करें।
बच्चों में डेंगू डराने वाला ज़रूर है, लेकिन समय पर इलाज और सही देखभाल से ज्यादातर बच्चे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। माता-पिता को केवल सतर्क रहने और सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
हमारा ये health topic जरूर पसंद आया होगा ,आशा करते है आपके और आपके बच्चों के लिए उपयोगी साबित होगा ।
Disclaimer :
this information is only for education purpose , not a substitute for professional medical advice or treatment. Always seek the advice of your Physician and Pediatrician .यह जानकारी एक शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है यह कोई चिकित्सा राय नहीं है, बीमारी का इलाज अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
FAQ’s-
डेंगू बुखार के लक्षण क्या है ?
अचानक तेज बुखार (Sudden high Fever/)
तेज सिरदर्द (Severe headache )
आँखों के पीछे तेज दर्द (Retro orbital Pain)
माँस पेशियों और जोड़ों में दर्द (Myalgia and arthralgia)
भूख कम लगना और थकान (loss of appetite, weakness)
त्वचा पर दाने (Rash)
डेंगू बुखार कितने दिन रहता है ?
डेंगू बुखार के लक्षण सामान्यतः 5-7 दिन रहते हैं लेकिन इसके लक्षण डेंगू की severity और बच्चे की immunity पर निर्भर करते हैं ।
क्या डेंगू बिना दवा के ठीक हो सकता है ?
हाँ , यदि immunity अच्छी हो और पर्याप्त आराम ,और पर्याप्त तरल पेय पदार्थ पियें तो डेंगू ठीक हो सकता है ।
क्या पपीता प्लेटलेट बढ़ाने में उपयोगी है ?
वैसे तो तरल पदार्थ पीना डेंगू के रोगी के लिए उपयोगी रहता ही है फिर भी पपीते का जूस और पपीते की पत्ते का जूस से प्लेटलेट बढ़ना विभिन्न शोध में साबित हुआ है ।
क्या डेंगू में खून की उल्टी होती हैं ?
हाँ , डेंगू में प्लेटलेट कम होने की वजह से bleeding होने के रिस्क रहते है और खून की उल्टी होना warning sign होते है ।
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